पूर्वी लद्दाख में जारी भारत-चीन के बीच तनाव का भी अंत हो गया. लेकिन ऐसा नहीं है. हालातों में सुधार जरूर हुआ है. खत्म कुछ नहीं हुआ. विषम परिस्थितियों में सेना की तैनाती अप्रैल 2020 के बाद से अब भी बदस्तूर बनी हुई है. तनाव कम हुआ लेकिन तैनाती अब भी जारी है. LAC पर स्थिति स्थिर लेकिन ‘संवेदनशील’. यह बात रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी ईयर एंडर रिव्यू में कही. इस रिपोर्ट में सबसे पहले LAC का ही जिक्र है. डेपसांग और डेमचोक पर डिसएंगेजमेंट हो गया. पेट्रोलिंग भी शुरू हो गई. बाकी बचे इलाकों का हल निकालने के लिए स्पेशल रिप्रजेंटेटिव की पहली बैठक भी हो चुकी है. उसके बाद भी यह कहा जा रहा है कि स्थिति संवेदनशील है. यह बयान डेमचोक और डेपसांग प्लेन में डिसएंगेजमट के दो महीने के बाद आया है. यह कई सवाल भी खड़े करता है.
LAC पर स्थिति सामान्य लेकिन संवेदनशील
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एलएसी पर स्थिति स्थिर है, लेकिन संवेदनशील बनी हुई है. कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर लंबी बातचीत के बाद, 21 अक्टूबर 2024 को दोनों देशों ने LAC पर स्थिति को सुधारने के लिए सहमति जताई. इस समझौते में डेपसांग और डेमचोक के संघर्ष क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी और पहले जैसी स्थिति को बहाल करना शामिल है. बयान में यह भी कहा गया है. दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में सैनिकों की पोजीशन को हटा लिया है और ज्वाइंट इंस्पेक्शन किया गया है. अब डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में सामान्य गश्त गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं.
चीन की मंशा पर अमेरिका ने भी सवाल उठाए
LAC पर चीन की हरकतें अमेरिका की नजर में है. इसका जिक्र पेंटागन की रिपोर्ट में भी किया गया है. रिपोर्ट मुताबिक चीन ने LAC पर ना तो अपनी पोजिशन और ना ही अपने सैनिकों की संख्या को कम किया है. चीन ने 2020 के बाद से वेस्टर्न थियेटर कमांड में अपने इंफ्रास्ट्रकचर को भी बढ़ाया है. चीन ने इस इलाके में बैलिस्टिक मिलाइल की भी तैनाती कर रखी है. भारत भी चीन की फितरत से पूरी तरह से वाकिफ है. लिहाजा भारत ने भी अपनी सेना तादाद को उतना ही बनाया रखा है जितना कि चीन की है.
LAC पर तनाव कम करने के तीन चरण
LAC पर तनाव को कम करने के लिए तीन चरणों के तहत काम होना है. पहला है डिसएंगेजमट यानी कि आमने-सामने के फेसऑफ की स्थिति से बाहर आना जो कि पूरा हो चुका है. दूसरा है डिएस्किलेशन यानी की LAC पर सेना के जमावड़े को कम कर अपने अपने इलाके के डेप्थ एरिया में भेजना. तीसरा डिइंडक्शन यानी कि 2020 में तनाव के दौरान देश के अलग अलग हिस्सों से LAC पर भेजी गई सैन्य टुकड़ियों को वापस उनकी यूनिट में भेजा जाए. सीमा विवाद के हल के लिए गठित की गई स्पेशल रिप्रजेंटेटिव की एक बैठक बफर जोन पैंगोग, गलवान के पीपी-14 , गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया में पेट्रोलिंग शुरू करना और दूसरे और तीसरे चरण को पूरा करना. एनएसए अजीत डोवल और चीनी विदेश मंत्री वॉंग यी के बीच बैठक में छह सूत्री सहमति बनी.