Home छत्तीसगढ़ “माने परिवार” नहीं मान रहा है न्यायलय का आदेश ……..

“माने परिवार” नहीं मान रहा है न्यायलय का आदेश ……..

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जमीन विवाद को लेकर राजधानी में कभी भी हो सकती बड़ी घटना
फर्जी वसीयतनामा लेकर घर में कब्ज़ा करने घूम रहे है वर्धा से आये आसामाजिक तत्व
रायपुर। राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब में मंगलवार दोपहर वर्धा (महाराष्ट्र) से आई हुई एक बुजुर्ग महिला एवं उनके दो पुत्रो के द्वारा राजधानी रायपुर के ही रहने वाले युवक और उसके परिजनों पर मकान में कब्ज़ा करने का आरोप लगते हुए एक पत्रकार वार्ता ली लेकिन इस पत्रकारवार्ता लेने वाली बुजुर्ग महिला द्वारा किसी भी प्रकार साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण माननीय न्यायलय के द्वारा महिला का आवेदन पहले ही निरस्त किया जा चूका है।
क्या है पूरा मामला
न्यू शांति नगर गोरखा कालोनी निवासी शुभम उम्बरकर की माँ के चाचा लक्ष्मण राव माने द्वारा अविवाहित होने की वजह से अपना सम्पूर्ण जीवनकाल (मृत्युपर्यन्त) रायपुर में ही अपनी भतीजी (शुभम की माँ) के पास रहे, लक्ष्मण राव माने के द्वारा दिसंबर 2021 में एक वसीयतनामा तैयार किया जिसमे उन्होंने शुभम उम्बरकर पिता राजू उम्बरकर निवासी गोरखा कालोनी न्यू शांति नगर रायपुर के अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। जिसकी सत्यापित प्रतिलिपि हमारे पास उपलब्ध है। लक्षमण राव माने के छोटे भाई रामजीराव माने की पत्नी सुशीला माने एवं उसके दो पुत्रो के द्वारा रायपुर व्यवहार न्यायलय में दिनांक 6 नवम्बर 2023 को एक आपत्ति प्रस्तुत कर शुभम उम्बरकर के वसीयत पर केस लगाया था ,लेकिन माननीय न्यायलय के द्वारा इन सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए सुशीला माने के आवेदन को 1 अगस्त 2024 को निरस्त कर दिया था। लेकिन माननीय न्यायलय के आदेश को भी मानने से इंकार करते हुए नजर आ रहे इन लोगो के द्वारा हद तो तब हो गई जब सुशीला माने एवं उनके बेटे रविकांत माने और नीलेश कुमार माने पिता रामरवजी माने निवासी जीजामाता स्कुल के पास न्यू स्टेट बैंक कालोनी रावत लेआउट VEC वर्धा महाराष्ट के द्वारा सोमवार की दोपहर लगभग 15 से 20 की संख्या में बाहर प्रदेश से असामाजिक तत्वों को लाकर राजधानी रायपुर का माहौल बिगाड़ते नजर आ रहे थे जिसकी सुचना शुभम उम्बरकर के स्थानीय पुलिस को भी दे दी गई थी।

                        आदेश की कॉपी

लेकिन सबसे अचरज वाली बात तो यह है कि इसी मामले को लेकर रायपुर तहसीलदार के समक्ष भी इस मामले कि सुनवाई कि गई थी लेकिन वहां से भी इस मामले को 28 फरवरी 2025 को निरस्त कर दिया गया था। फिलहाल इस मामले में न्यायलय द्वारा शुभम उम्बरकर के पक्ष में फैसला देते हुए उक्त मकान में किसी भी प्रकार का फेरबदल ना करने का आदेश पारित किया है।

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