अमेरिका में राष्ट्रपति चाहे कोई भी हो, लेकिन भारत से उसके संबंध पर कोई खास असर नहीं होने वाला. ट्रंप प्रशासन में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने वाले माइक वॉल्ट्ज ने कुछ ऐसा ही संकेत दिया है. माइक वॉल्ट्ज ने संकेत दिया कि बाइडन प्रशासन की चीन और इंडो-पैसिफिक नीति के कई तत्व जारी रहेंगे. माइक वॉल्ट्ज 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पदभार संभालेंगे. अमेरिका के राष्ट्रीय शांति संस्थान (USIP) के एक कार्यक्रम में उन्होंने चीन को अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी और भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार बताया. .
निवर्तमान अमेरिकी NSA जेक सुलिवन के साथ एक पैनल डिस्कशन में वॉल्ट्ज ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को इस बात का दृढ़ विश्वास है कि अमेरिका चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संघर्ष से बच सकता है. क्योंकि चीन को अमेरिका के मार्केट की जरूरत है. वॉल्ट्ज पिछले कांग्रेस में अमेरिका-भारत कॉकस के रिपब्लिकन चेयर थे. उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करना उनकी प्राथमिकताओं में है. सुलिवन और वॉल्ट्ज दोनों ने भारत को पार्टनर और चीन को एक खतरा माना.
भारत पर क्या बोले सुलिवन
जेक सुलिवन ने इस दौरान कहा कि वह पिछले सप्ताह भारत में थे. सुलिवन ने वॉल्ट्ज की लोकप्रियता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में वॉल्ट्ज और अमेरिका कॉकस को बहुत सराहा जाता है. उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले सप्ताह ही भारत में था. इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में वे आपसे प्यार करते हैं. वे इंडिया कॉकस से प्यार करते हैं, इसलिए वे आपके बोर्ड में आने से उत्साहित हैं.’ वॉल्ट्ज ने कहा कि AUKUS और क्वाड ऐसे क्षेत्र हैं जो एक प्रशासन से दूसरे प्रशासन तक जारी रहे हैं. मुझे लगता है कि यह आगे भी जारी रहेगा.
महत्वपूर्ण साझेदार होगा भारत
वॉल्ट्ज ने आगे ताइवान को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धताओं का जिक्र किया, जिसमें 20 अरब डॉलर से ज्यादा की लंबित आपूर्ति को जल्द से जल्द पूरा करने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय संवाद को मजबूत करना और भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखना उनकी नीति का हिस्सा होगा. वहीं सुलिवन ने चीन को लेकर अपनी रणनीति पर कहा, ‘एक अच्छी चीन रणनीति का मतलब एक अच्छी एशिया रणनीति है. इसमें हमारे सहयोगियों और साझेदारों के साथ काम करना शामिल है.’