आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मुंबई बेस्ट न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर बैन लगा दिया है. न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर बैन का मतलब है कि अब से ग्राहक धन निकासी या लेन-देन नहीं कर पाएंगे. बैंक पर यह बैन बीते गुरुवार से अगले 6 महीनों के लिए लागू हो चुका है. बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते ये प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बाहर शुक्रवार को परेशान ग्राहकों की लाइन दिखी. भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक देश के प्राइवेट सेक्टर की बैंक है. अब ग्राहकों को डर सता रहा है कि उनकी मेहनत की कमाई डूब जाएगी. ऐसे में सवाल है कि अब ग्राहक करें तो करें क्या.
दरअसल, यह पहली बार नहीं है, जब किसी बैंक पर आरबीआई ने बैन लगाया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पहले भी कई बैंकों के खिलाफ इस तरह का एक्शन ले चुका है. पिछले साल शिरपुर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इससे पहले पीएमसी बैंक और यस बैंक पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे. दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में कुछ सहकारी बैंकों पर भी इसी प्रकार के प्रतिबंध लगाये गये थे. जिन ग्राहकों के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में खाते हैं और जमा हैं, वे अपने खातों से पैसा नहीं निकाल सकेंगे. हालांकि, आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि बैंक की स्थिति में सुधार होने के बाद ही बैन हटाए जाएंगे. अब सवाल है कि अगर कोई बैंक बंद हो जाए तो ग्राहकों को कितना पैसा वापस मिलता है? तो चलिए आज सब जानते हैं.
अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाए तो ग्राहकों को कितना पैसा मिलेगा?
-अगर कोई बैंक डूब जाता है या उसका लाइसेंस आरबीआई की ओर से रद्द कर दिया जाता है, तो ग्राहक अपने खाते में अधिकतम 5 लाख रुपये प्राप्त कर सकते हैं।
- 5 लाख रुपये तक की जमाराशि बीमा (डीआईसीजीसी) द्वारा कवर की जाती है.
ग्राहक के खाते, एफडी और बचत खाते से कुल 5 लाख रुपये तक की राशि ही वापस की जाएगी. - यदि आपका पैसा किसी बैंक की विभिन्न शाखाओं में जमा है, तो भी आपको अधिकतम 5 लाख रुपये ही मिलेंगे.उदाहरण के लिए अगर आपके एक बैंक में 7 लाख रुपए जमा हैं. आपके खाते में 2 लाख, एफडी में 2 लाख और किसी अन्य खाते में 3 लाख रुपए हैं और यदि वह बैंक बंद हो जाता है, तो भी आपको केवल 5 लाख रुपए ही मिलेंगे.अपने पैसे सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?
- पूरी रकम एक बैंक में रखने के बजाय अलग-अलग बैंकों में रखें.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसयू) और बड़े निजी बैंकों में पैसा जमा करें.
- जहां तक संभव हो सहकारी बैंकों में बड़ी मात्रा में धन रखने से बचें.
- किसी एक बैंक में 5 लाख रुपये से अधिक जमा न रखें, क्योंकि बीमा कवर 5 लाख रुपये तक सीमित है.
अगर आपके पास 8 लाख रुपए हैं और आपने उसे दो अलग-अलग बैंकों में जमा कर रखा है (प्रत्येक में 4 लाख रुपए), और यदि दोनों बैंक दिवालिया हो जाते हैं, तो भी आप पूरे 8 लाख रुपए वापस पा सकते हैं.
किस बैंक में पैसा रखना अधिक सुरक्षित है?
- राष्ट्रीयकृत (पीएसयू) बैंकों में जमा रखें – जैसे एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी आदि.
- इसे बड़े निजी बैंकों में रखें – एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा आदि.
- जहां तक संभव हो सहकारी बैंकों में बड़ी मात्रा में धन रखने से बचें. (न्यूज18 मराठी)