रायपुर। राजधानी रायपुर में कुकुरमुत्ते की तरह पत्रकारों की बाढ़ आते चले जा रही है जो कि निष्पक्ष पत्रकारिता करने वालो के भविष्य को लेकर एक गंभीर चिंता का विषय है। चंद रुपयों में वेबसाइट खोल पत्रकारिता करने वाले दलालनुमा पत्रकारों कि वजह से पत्रकारबिरादरी का नाम बदनाम करने में भी यह लोग कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। इन फर्जी पत्रकारों का एक मात्र यही कार्य रह गया है कि किसी भी थाने या अधिकारी के पास माइक आईडी लेकर चले जाइये और अपने आपको पत्रकार बतलाकर अपना काम निकलवा लीजिये और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस अवैध वसूली के कार्य में पुरुष के साथ साथ महिला पत्रकार (फर्जी पत्रकार) भी रहते है। ये फर्जी पत्रकारों के जरिये थानों में गिरफ्तार व्यक्तियों से कुछ पैसो कि मांग करके उन्हें थाने से ही छुड़वा लिया जाता है जिसमे पुलिसकर्मी और इन फर्जी पत्रकारों का बराबर का हिस्सा बंधा होता है, और सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि इन फर्जी पत्रकारों के द्वारा राजधानी में गांजा,शराब,सट्टा,कबाड़ी दूकान से ये वसूली में लगे हुए है इन फर्जी पत्रकारों को जो जितना दे दे (पांच सौ – हजार ) इसके साथ ही इन दलालनुमा पत्रकारों के द्वारा थाने में आये हुए केस को रफा दफा करवाने के एवज में एक पक्ष से पैसे कि मांग करके उन्हें थाने से छुड़वाने का कार्य करते चले आ रहे है, इन्ही फर्जी पत्रकारों के द्वारा रविवार देर रात को भी राजधानी के टिकरापारा थाने में एक केस के सिलसिले में इन फर्जी पत्रकारों के द्वारा जबरदस्त हंगामा किया गया , हम आपको बतलाते चले कि इन्ही फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कुछ दिन पूर्व उरला क्षेत्र में भी एक कबाड़ी के यार्ड में भी जाकर अवैध उगाही कि शिकायत भी प्राप्त हुई थी इस मामले में भी ये दलालनुमा पत्रकारों के द्वारा एक और फर्जी महिला पत्रकार को सामने खड़ा कर दिया गया था। अब वह दिन दूर नहीं जब पुरे प्रदेश में इन फर्जी पत्रकारों कि संख्या कुकुरमुत्ते की तरह फ़ैल जाएगी।